ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
पौड़ी परिसर 1971 में 7 स्नातक पाठ्यक्रमों (हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, भूगोल और इतिहास) के साथ एक सरकारी डिग्री कॉलेज के रूप में स्थापित किया गया था। वर्ष 1972 में, विज्ञान विषयों में स्नातक पाठ्यक्रम भी स्वीकृत किए गए (जूलॉजी, बॉटनी, केमिस्ट्री, फिजिक्स और मैथ्स)। 1973 में उत्तर प्रदेश सरकार ने दो नए विश्वविद्यालय (कुमाऊं और गढ़वाल) खोले। 1974 में कॉलेज को 3 विषयों (हिंदी, अर्थशास्त्र और भूगोल) में पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश देकर स्नातकोत्तर महाविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई थी। कैंपस में 1976 (एलएल.बी.) के दौरान लॉ क्लासेज शुरू हुईं। 1977 में एक नया विषय होम साइंस की डिग्री स्तर पर शुरू किया गया था और चार अन्य विषयों को स्नातकोत्तर (राजनीति विज्ञान, इतिहास, अंग्रेजी और गणित) के रूप में उठाया गया था। वर्ष 1977 के दौरान, परिसर को गढ़वाल विश्वविद्यालय के बीजीआर परिसर के रूप में घोषित किया गया था। 1984 से 1991 के दौरान, सभी विज्ञान विषयों में पीजी पाठ्यक्रम (जूलॉजी, बॉटनी, केमिस्ट्री और फिजिक्स) पढ़ाने की अनुमति थी। 2003-2006 के दौरान परिसर में चार स्व वित्तपोषित व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किए गए (जर्नलिज्म, पीजी डिप्लोमा इन टूरिज्म, योग और एलएलएम।)। 1977 से समय-समय पर प्रत्येक विभाग में शोध कार्य भी शुरू किया गया।